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जबलपुर (jabalpur) के इंजीनियरिंग (Engineering) छात्रों ने एक ऐसा रोबोट तैयार किया है जो किसानों के लिए बेहद मददगार साबित होगा। निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के फाइनल छात्र प्रखर मणि त्रिपाठी ने इसे बनाया है। प्रखर मूलत: प्रतापगढ़ के रहने वाले है। जिनका परिवार खेती किसानी से जुड़ा है, जिन्होने किसानों की समस्या को ध्यान में रखकर अपने तीन दोस्तों निशि पाटिल, कफिल आसिफ, आदित्य सिंह पटेल के साथ मिलकर इसे तैयार किया है। रोबोट (Robot) की खासियत है कि वो कुछ ही मिनटों में खेत में फल सब्जी की नर्सरी (Nursery) लगा सकता है। रोबोट मोबाइल ऐप से कंट्रोल किया जाता है और ये पौधों की बीच की दूरी कम या ज्यादा कर सकता है। बिजली और सोलर से चार्ज (Charging with electricity and solar) होने वाले इस रोबोट को ग्रीन रोबोट नाम दिया गया है। सिंगल चार्ज में इसकी बैटरी चार घंटे तक चलती है। साथ ही एक बार चार्ज करने पर ये करीब दो हजार पौधे लगा सकता है।
ऐप से कंट्रोल होता है
इसमें रोबोट को कंट्रोल ( control) करने के लिए पैनल, (Panel) जीपीएस और पिस्टन (piston) लगाए गए हैं। यूजर को गूगल मैप पर खेत के उस हिस्से का इनपुट देना होता है। जिसके बाद रोबोट पौधे और क्यारियों की निश्चित दूरी पर पौधे लगा देगा। रोबोट बैगन, मिर्ची, प्याज, गोभी जैसी सब्जियों के साथ फल और फूल की खेती के लिए विकसित किया गया है। इस रोबोट को बनाने में छात्रों को करीब दो साल का समय लगा। इस दौरान कई तरह की चुनौतियां भी उनके सामने आई और कई सुधारों के बाद इसे बनाने में सफलता मिली। करीब दो महीने के बाद ये रोबोट किसानों के लिए बाजार में उपलब्ध होगा। जिसकी कीमत करीब 1 लाख रुपए होगी।
पौधों के साथ सीड्स भी लगाया जा सकेगा
रोबोट की मदद से किसान पौधों के साथ ही सीड्स भी लगा सकेंगे में इसमे सीड्स (seeds) का विकल्प भी होगा। किसान पौधे और सीड्स दोनों ही लगा सकेगें। इसे खरीदने वाले किसानों को इसे चलाने की दो दिन की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। जिससे किसान इसे खुद ही चला सकेंगे।
JNKV करेगा फंडिग
ग्रीन रोबोट को अंतिम रुप देने में इंस्टीट्यूट ऑफ एग्री बिजनेस मैनेजमेंट (Institute of Agri Business Management) जवाहर लाल नेहरू कृषि विवि (Jawaharlal Nehru Agricultural University) के डायरेक्टर डॉ. सुनील बी.आर. नाहतकर और जवाहर राबी की बिजनेस मैनेजर लवीना शर्मा ने अपना विशेष योगदान दिया। वहीं, अब जवाहर राबी के साकार योजना के अंतर्गत इस इनोवेशन को आगे बढाया जा रहा है। जिसके लिए जरुरी फंडिग भी की जा रही है।
मिल चुका है पेटेंट
अगले दो माह में बाजार में आने वाले इस ग्रीन रोबोट को (ग्रीबो) (Grebo) पेटेंट (Patent) मिल चुका है। जिसे लैड़ परिक्षण के बाद बाजार में उतारने की परमिशन मिल जाएगी। जिससे फल फूल और सब्जियों की खेती करने वाले किसानों के लिए खेती आसान हो जाएगी।
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